दोस्तो, दुनिया के सबसे अमीर इनवेस्टर वॉरेन बफेर कहते ” If Calculus And Algebra was required for Investing..Would have To Go Back Delivering Papers”
क्योंकि स्टॉक मार्केट दूर से जितना कम्प्लीकेटेड लगता है कि उतना है नहींI जितना लोगों को इससे डर लगता है कि उनका लॉस हो जाएगा उनको इतना डरने की भी जरूरत नहीं। यह चीज आपको इस आर्टिकल को पढ़ने से खुद पता चल जाएगी। स्टॉक मार्केट का सारा डर भी निकल जाएगा I
तो आपको सीरियसली इनवेस्टिंग करना है और इसके जरिए अपने लिए वेल्थ क्रिएट करना है, तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हो। क्योंकि आज के इस आर्टिकल में मैं आपको स्टेप बाय स्टेप उंगली पकड़ के गाइड करूंगा कि कैसे आप खुद अपनी जर्नी की शुरुआत कर सकते हो, एक अच्छा स्टॉक पिक कर सकते हो और फिर कॉन्फिडेंट ली अपना पहला इनवेस्टमेंट कर सकते हो अपनी वेल्थ क्रिएशन के लिए।
अपना निवेश खाता खोलें
तो दोस्तो कोई भी कंपनी में इन्वेस्ट करने के लिए हमें ब्रोकरेज अकाउंट चाहिए। जिसको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट बोलते हैं। बहुत बार मैंने देखा है कि बहुत लोग महीनों लगा देते हैं, एक अच्छा ब्रोकर चुनने में। और अच्छे स्टॉक्स की रिसर्च के लिए वही लोग एक दिन भी निकाल नहीं पाते। जबकि आपको करना चाहिए इसका अपोजिट क्योंकि गलत ब्रोकर चुनने का लॉस इतना नहीं होगा जितना गलत कंपनी में इन्वेस्ट करने से होगा।
तो इसी लिए आप लोगो को मेरी सजेशन यही है की आप कोई भी डिस्काउंट ब्रोकर चुन लो। डिस्काउंट ब्रोकर इसीलिए क्योंकि इसमें आपको बहुत कम से कम फीस पे करनी पड़ती है। बहुत लोग मुझे कमेंट्स करके और ई मेल से पूछते कि उन्हें कौन सा ब्रोकर चुनना चाहिए।
तो आप लोगो लिए में Upstox Suggest करूंगा। क्योंकि इनका प्लैटफॉर्म और सर्विस मैं काफी सालों से यूज कर रहा हूं। जो मेरे हिसाब से इनवेस्टिंग के लिए अच्छा है। जब मैंने अकाउंट ओपन किया था तब इनकी अकाउंट ओपनिंग फीस होती थी लेकिन फिलहाल इनका ऑफर चल रहा है जहा पे आप फ्री में अकाउंट ओपन कर सकते हैं।
अगर आप किसी स्टॉक को लॉन्ग टर्म के लिए खरीदते हैं जो मैं हमेशा रिकमेंड करता हूं तो आपको स्टॉक्स खरीदते वक्त कोई भी ब्रोकरेज चार्ज नहीं होता है। मतलब जब भी आपका मन करे जितनी भी क्वॉन्टिटी में आप स्टॉक्स खरीदते रहो, उसे जमा करते रहो बिना किसी ब्रोकरेज फीस के। और वह कंपनी जब भी आपको डिविडेंड पे करेंगी वो डायरेक्टली आपके बैंक अकाउंट में जमा होते रहेंगे।
महत्वपूर्ण निर्णय : ट्रेडिंग या निवेश
तो जब आपका ब्रोकरेज अकाउंट ओपन हो जाएगा, तो आपको सबसे इम्पॉर्टेंट फैसला यह लेना है की आपको इसमें ट्रेडिंग करना है या इनवेस्टिंग। क्योंकि जब कोई आदमी रियल स्टेट प्रॉपर्टी खरीदता है और इसे लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड करने का प्लान करता है तो लोग अपने रियल स्टेट के ब्रोकर को अगले दिन कॉल करके पूछते नहीं हैं कि उनकी प्रॉपर्टी का क्या प्राइस है। बस वह यही सोचते है की उनको इसका रेंट एन्जॉय करना है।
क्योंकि जब आप ट्रेडिंग करते हो तो आप स्टॉक्स को खरीदने से पहले ही उसे बेचने की प्लैनिंग करते हो। लेकिन जब एक्चुअली इनवेस्टिंग करोगे तब उसे बेचने की इतनी चिंता करोगे नहीं। मतलब लोग रीयल स्टेट को लेकर बाई एंड होल्ड सोचते है और स्टॉक्स को लेकर हमेशा बाय एंड सेल सोचते है। इसीलिए रियल स्टेट में लोगों की वेल्थ क्रिएट होती है, क्योंकि वे इसे लॉन्ग टर्म के लिए कंपाउंड होने देते है।
तो जब आपने डिसाइड कर दिया कि आप इनवेस्टिंग करोगे और कंपाउंडिंग के जरिए अपनी वेल्थ क्रिएट करोगे तो उसकी शुरूआत करने के लिए आप लोग में कुछ इम्पॉर्टेंट एडवाइस देना चाहूंगा।
शुरू करने के लिए सिर्फ एक व्यवसाय चुनें
सबसे पहले तो ये क्या कोई एक ही कंपनी का स्टॉक चुनना चाहिए। क्योंकि अगर आप एक हजार रुपए इन्वेस्ट कर रहे हो और आपको उस अमाउंट को भी डायवर्सिफाई करने का मन कर रहा हैं तो इसका मतलब यह है कि आप शुरुआत से ही Speculation कर रहे हैं।
बहुत सारे Begginers जब स्टॉक मार्केट में एंट्री करते तो एक साथ बहुत सारी कंपनी के स्टॉक्स खरीद लेते हैं। ऐसा इसलिए करते क्योंकि वो स्टॉक्स को लोटरी टिकट समझते और इसीलिए एक एक टिकिट अलग अलग कंपनीस का खरीद लेते। कितनी सारी कम्पनीज में से एक की तो लॉटरी लगेगी ही। लेकिन दोस्तो हमको यह नहीं करना है। स्टॉक्स लॉटरी टिकट नहीं होते और ना ही हमें Speculation करना है। हमें एक्चुअल इनवेस्टिंग करनी है और उसके जरिए वेल्थ क्रिएट करना है।
दूसरी वजह इसकी ये भी होती है कि जो भी नए इनवेस्टर्स होते वो बड़े बड़े इनवेस्टर्स के पोर्टफोलियो को कॉपी करने की कोशिश करते है। लेकिन ये बड़े बड़े इनवेस्टर्स बहुत बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करते और जब वो इन्वेस्ट करते तो एक साथ 10 कंपनीज नहीं खरीदते। वह उनके सालों के एक्सपीरियंस के बाद एक एक करके अच्छे प्राइज पे बिजनेस को समझ कर उसे अपने पोर्टफोलियो में ऐड कर ते है। तो अगर आपको उनको कॉपी करना ही है तो आपको सही तरीके से करना चाहिए। मतलब आपको उन सारी कंपनीज को अच्छे से समझना चाहिए फिर उसे सही प्राइस पर खरीदना चाहिए।
तो अब सवाल ये उठता है कि हम पता कैसे लगाएं कि कंपनी करती क्या है उसका परफॉर्मेंस कैसा रहा है। तो दोस्तों इसके लिए मैं अपने आप को एक वेबसाइट का नाम बताता हूं। जहा से आप पता लगा सकते हो की कंपनी परफॉर्म केसा कर रही है। यह वेबसाइट है Tickertape.
यहां से आप अच्छे स्टॉक्स को फिल्टर कर सकते हो और फिर उसे एनालाइज भी कर सकते हो। इसमें बहुत सारी इंफॉर्मेशन आपको रेडीमेड मिल जाती है। तो जब आप इसके Screen पर क्लिक करेंगे तो आपको हजारों कंपनी दिखेगी। आपको इनमें से वो कंपनी चुनना चाहिए जिसकी आपको पहले से नॉलेज हो। लेकिन कंपनी का नाम पता होना एक अलग चीज़ होती है और कंपनी के बिजनेस की नॉलेज होना एक अलग ही होती है।
क्योंकि रिलांयस का नाम हम सब इंडियंस को पता है, लेकिन बिजनेस करती क्या है, प्रॉफिट कैसे कमाती ये बहोत लोगो नहीं होगा। आपको जानना है कि ये कंपनी कौन से बिजनेस करती है ।
इसका सबसे ज्यादा प्रॉफिट आता कहां से तो उसके लिए हम फाइनेंस पर आएंगे।
यहाँ पर आप अब तो इनवेस्टर प्रेजेंटेशन ओपन कर सकते जो स्पेशली हमारे लिए बनाया जाता है या फिर आप एनुअल रिपोर्ट ओपन कर सकते हो। तो जब आप इसे ओपन करोगे तो आप इसके ओपनिंग के पेज भी रीड कर सकते हो।
उनके छे बड़े सेगमेंट है और सबसे ज्यादा रेवेन्यू उनका पेट्रोल रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस से आता है।
फिर उसके बाद रिलायंस रिटेल और डिजिटल सर्विसिस से आता है यानी जियो। बहुत लोग रिलायंस का स्टॉक खरीदते है सिर्फ जियो की वजह से। लेकिन यहां पे आप देख सकते हो की जियो उनका एक छोटा सा हिस्सा है। तो कल को इनके पेट्रोलियम बिजनेस में कुछ इवेंट होता है तो इस कंपनी का स्टॉक प्राइस उससे ज्यादा इफ़ेक्ट होगा।
लेकिन उसके बारे में तो लोगो को पता ही नही होता है,कि ये बिजनेस काम कैसे करता है, इनके कस्टमर्स कौन से, इनके कॉम्पिटिटर्स कौन से है। आपको पता होगा की इनका बिजनेस ओयल & गैस रिफाइनिंग और मार्केटिंग का है। तो ये था एक डिफिकल्ट बिजनेस का एग्जाम्पल।
अब हम एक ऐसी कंपनी को पिक करते है, जिसके बिजनेस को आप एकदम आसानी से समझ सकते हो। तो यहां पे हम Pidilite Industries का example लेते है। लेकिन दोस्तों, ये आर्टिकल सिर्फ एजुकेशनल पर्पस के लिए है, कोई स्टॉक रिकमंडेशन नहीं है।
इस कंपनी का शायद आपने इतना नाम नहीं सुना होगा। लेकिन इसके प्रोडक्ट्स का जैसे फेविकॉल, फेवीक्विक और फेवीस्टिक इन सब का नाम आपने जरूर सुना होगा। तो जहां एक तरफ लोग इलेक्ट्रिक मोटर व्हीकल, ग्रीन एनर्जी और हाई टेक स्टॉक्स के पीछे पड़े है जिनके बारे में उनको एबीसीडी नही पता है और दूसरी तरफ ये कंपनी silently अपने हिट प्रोडक्ट को बेच के अपने मार्केट शेयर और अपने रेवेन्यू इंक्रीज करती जा रही है। ज्यादा प्रॉफिट earn करके ये अपने शेयरहोल्डर्स की वेल्थ को इनक्रीज कर पा रही है।
17 रुपये का इनवेस्टमेंट अब 17 सौ रुपये का होगा। मतलब 20 साल में हंड्रेड बैगर। इसके अलावा इस कंपनी ने हर साल डिविडेंड पे किया है। जैसा भी आप देख सकते हैं, इस कंपनी ने हर साल अपना डिविडेंड इंक्रीज किया है। तो ऐसी कंपनीज के बारे में आपको रिसर्च करनी चाहिए कि इनके प्रोडक्ट कौन से, इनके कॉम्पिटिटर्स कौन हैं और ये उसे कैसे हैंडल करती है। फिर आपको ये रिसर्च करना चाहिए कि ये कंपनी फ्यूचर में क्या प्लानिंग कर रही हैं। कंपनी अपने प्रॉफिट को इंक्रीज करने के लिए क्या स्ट्रैटेजी यूज कर रही है वगैरह वगैरह।
समझने के लिए एक आसान व्यवसाय चुनें
तो इसीलिए आप लोग मेरी दूसरी एडवाइस ये है कि आपको ऐसी कंपनियों और इंडस्ट्री में इनवेस्ट करना चाहिए जिसकी आपको पहले से नॉलेज है और जिसके बिजनेस को आप आसानी से समझ सकते हो और उसके फीचर को आप आसानी से predict कर सकते हो। ये चीजें में बार बार कहता हूं क्योंकि अक्सर कॉमन कंपनीस ही बहुत अनकॉमन प्रॉफिट देती है।
तो रिलायंस का पेट्रोकेमिकल बिजनेस, इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी ये सब बिजनेस 10 साल में कहां होंगे ये guess करना थोड़ा मुश्किल काम है। क्योंकि 10 15 साल पहले भी लोग ग्रीन एनर्जी और एआई को लेकर उतने ही ऑप्शंस थे जितने के आज है।
जैसे की आप यहां देख सकते हो। ये सुजलॉन एनर्जी एक रिन्यूएबल एनर्जी की कंपनी है। जिससे लोगो को बहुत बड़ी बड़ी उम्मीदें थी। ये रिलायंस इन्फ्रा जो पहले रिलायंस एनर्जी थी इससे भी लोग बहुत बड़ी बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन ये बस उम्मीदें रह गई। क्योंकि होप और एक्साइटमेंट एक अच्छी स्ट्रेटेजी नहीं होती है।
लेकिन दूसरी तरफ टेक्नॉलजी कितनी भी change हो जाए, लोग बिस्किट कौन से खाते है, नूडल्स कौन से खाते है, फेवीकोल कोन सा यूज करते ये इतनी आसानी से शायद अचानक से change नहीं होगा। इसीलिए आप इन कंपनियों का आने वाले 10 15 साल का प्रेडिक्शन आसानी से कर सकते हो। यही कंपनी होती है जो लॉन्ग टर्म तक टिकती है और कंपाउंडिंग के जरिए अपने इनवेस्टर्स के लिए वेल्थ क्रिएट करती है।
निष्कर्ष
तो फाइनली आप लोगो के लिए मेरा एक इम्पॉर्टेंट मैसेज ये है की आपको कंपनीज की रिसर्च और अंडरस्टैंडिंग में ज्यादा टाइम स्पेंड करना चाहिए। ना कि उसके स्टॉक प्राइस को देखने में और मार्केट को एनालाइज्ड करने में। क्योंकि विराट कोहली अगर पूरा टाइम स्कोरबोर्ड देखता रहेगा तो एक्चुअल गेम पे ध्यान कौन देगा।
तो इसी लिए “Games Are Won By Players.. Who Focus On The Playing Field..Not By Those People Whose Eyes Are Stuck On The Scoreboard”.
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