Financial Planning For Beginners in Hindi

स्टूडेंट हो, जॉब करते हो ,या फिर अगर आप एक बिजनेस मैन हो। इन फ्यूचर अगर आप एक बड़ा अमाउंट Wealth Create करना चाहते है तो Financial Planning आपको आज से ही शुरू करना होगा। देखिए आपके आजू-बाजू में ऐसा कोई पेड़ नहीं है,जो कि पैसा उगाता है। इसिलए अगर आप खुद को फाइनेंशियली फ्रीडम देना चाहते है, एक करोड़ से भी ज्यादा अमाउंट की फाइनेंसियल विल क्रिएट करना चाहते है, तो यह आर्टिकल Financial Planning For Beginners in Hindi आपके लिए ही है ।

Financial Planning For Beginners in Hindi

Financial Planning For Beginners in Hindi

फाइनेंशियल प्लानिंग के एकदम बेसिक स्टेप्स खुद की मंथली इनकम को एक दो तीन पार्ट में डिवाइड करना। एलिजाबेथ वॉरेन की एक बहुत ही फेमस बुक है, ALL YOUR WORTH The Ultimate Lifetime Money ! इस बुक के अंदर हम एक बहुत ही इम्पॉर्टेंट फॉर्मूला मिलता है, 50-20-30 बजट रूल। देखिए Money is honey . Money Is Important। पैसा सेफ तो हमें करना ही है, साथ ही साथ ज़िन्दगी को सही से जीना भी है। हमें मनी सेफ करने के साथ साथ खुदकी एंटरटेनमेंट भी जरुरी है।

इस बुक के हिसाब से हमें मंथली इनकम को तीन पार्ट में डिवाइड करना है। 50% मनी फॉर Need, 30% मनी फॉर Want, 20% फॉर Savings, पर हमने इस रूल को थोड़ा मॉडिफाई किया है, पहला बिल्कुल सेम है 50% मनी फॉर Need, 30% मनी फॉर Savings, 20% फॉर Want.

Need

Need

Need मतलब रोटी, कपड़ा, मकान, ट्रांसपोर्ट, रूम रेंट, ईएमआई, आपकी मोबाइल रिचार्ज, इलेक्ट्रिसिटी बिल, पेमेंट वाटर, गैस बिल साथ ही साथ रोजाना जिन्दगी की नेसेसरी कॉस्ट जो है वो आता है Need सेक्सन के अंदर। इन सबके अलावा Need सेक्शन की अंदर Life Insurance और Health Insurance भी आता है। याद रखना जितना भी Need है सबको को मिलाने के बाद Monthly Income की आपको 50% मैक्सिमम मनी ही Need के लिए खर्चे कर सकते है।

Need यानी की डेली लाइफ की नेसिसिटी कॉस्ट। अगर किसी महीने नीड़ के लिए 50% से कम खर्चा होता है, तो उस महीना हमें उस पैसे को ट्रांसफर करना है Savings के अंदर। टाईम के साथ साथ जब आपकी सेलेरी या मंथली इनकम Increase होगा उस टाइम पे भी हमें Need के लिए 50% खर्चा बिल्कुल नहीं करना है। उस टाइम में जितना की रिक्वायरमेंट है केवल उतना ही खर्चा कीजिए ! याद रखना 50% कोई Minimum Limite नहीं होती। 50% है Maximum Limite। हमें कोशिश करना है इस लिमिट से कम खर्चा करने की लेकिन इससे ज्यादा बिल्कुल नहीं। किसी भी हालत में भी नहीं।

Life Insurance और Health Insurance Need के ही दो पहलू है। Life Insurance और Health Insurance स्कीम में कौन सी Insurance लेना चाहिए मुझे लगता है थोड़ा डिटेल में डिस्कस करना चाहिए। समझना क्यों जरूरी है, क्योंकि हमने काफी टाइम नोटिस किया है, जीनको जो इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है,उन्होंने भी वो इंश्योरेंस बाय किया है। इसीलिए आइए इसे थोड़ा समझते हैं।

Life Insurance किसको लेना चाहिए ?

अगर आपके ऊपर आपकी फैमिली की Dependency है, You are the only one earning man for your family । फिर तो आपको जरूर से एक Life Insurance या फिर Term Insurance लेना चाहिए। Life Insurance मतलब कम प्रीमियम और ज्यादा कवरेज। By Chance ऐसा न हो फिर भी अगर आपको कुछ भी हो जाता है तो आपकी फैमिली की फ्यूचर लाइफ सिक्योर करने के लिए घर के Earning members को ज़रूर से एक लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहिए।

कितना Life Insurance हमें लेना चाहिए ?

how much life cover need to take?

जितना की Yealy income है उससे कम से कम 10 गुना। अगर आपकी Yealy income है 5 लाख रुपए तो आपको इंश्योरेंस लेना चाहिए 5 लाख की 10 गुना यानी की 50 लाख रुपए। लाइफ इंश्योरेंस केवल किनको लेना चाहिए जो कि है फैमिली की Main earning member को। लाइफ इंश्योरेंस की कॉस्ट तुलना में कम होता है तो आपको 50-60 हजार सालाना में मिल जायेगा।

दूसरी साइड से अगर आपके ऊपर कोई Dependency नहीं है। You are the not only one earning member तो आप इसे Skip भी कर सकते हैं। पर याद रखना जितना लाइफ इंश्योरेंस बाय करेंगे उतना ही कम होगा आपकी प्रीमियम लाइफ टाइम के लिए। 

Health Insurance किसको और क्यों लेना चाहिए ?

Health Insurance के बारे में हम उतना ज्यादा नहीं सोचते। अगर आपके पास कार है, बाइक है, तो इन दोनोका इंश्योरेंस आपके पास  जरूर रहेगा। लेकिन जब सवाल आता है खुद की हेल्थ का तो क्या आपके पास Health Insurance है ? ज्यादा लोगो का जवाब होगा, नहीं।

देखिए, Health is Wealth और Health Is Money । अगर फैमिली में किसी को भी कुछ भी होता है, कोई भी क्रिटिकल बीमारी, हॉस्पिटलाइजेशन तब सेविंग्स का एक बड़ा पार्ट उसकी ट्रीटमेंट में खर्च हो जाता है! इसीलिए खुद को फाइनान्सियलि फ्रीडम देने के लिए फैमिली के हरेक मेंबर का एक Health Insurance जरूर से लेना चाहिए। देखिए Life Insurance केवल Main earning member के लिए लेना चाहिए और Health Insurance लेना चाहिए, फैमिली के हरेक मेंबर के लिए ।

कितना Health Insurance हमें लेना चाहिए ?

कितना Health Insurance हमें लेना चाहिए ?

Health Insurance की मिनिमम कवरेज अमाउंट होना चाहिए , Per person 3 लाख रूपीस ! For Example, की आपके फैमिली में चार मेम्बर है, तो  कितना को कवरज अमाउंट लेना चाहिए ! Three lakhs Multiply Family member यानि की 3 लाख * 4 Members  = 12 लाख । 

उसके बाद जब आपकी इनकम Increase होगा तब इनकम के साथ-साथ कवरेज अमाउंट को भी Increase कीजिए।

Savings

अब बात करते है, सेविंग्स की। सेविंग यानि की सेविंग्स बैंक एकाउंट नही।  सेविंग्स अकाउंट से फिलहाल हमें केवल 2-2.5% रिटर्न मिलता है। इसिलए फ्यूचर को सिक्योर करने के लिए हम एक ऐसी जगह निवेश करना चाहिए जो सिक्योर भी हो और अच्छा रिटर्न भी देता हो । 

इसीलिए Industry Standard के हिसाब से सेविंग्स को हमने दो पार्ट में डिवाइड किया है। पहला है Safe Asset Class और दूसरा Investment । 

इन दोनों में से कहा हमें कितना अमाउंट निवेश करना चाहिए इसकी सिंपल फॉर्मूला है, जितनी आपकी Age उतना पर्सेंटेज मनी Safe Asset Class के अंदर निवेश करो। बाकी पैसा यानी की Total Savings माइनस आपकी Age निवेश करना है, इक्विटी क्लास में ।

अगर आपकी Age  है, 25 Yrs तो Safe Asset Class अंदर आपकी Age के हिसाब से 25% पैसा निवेश करना है और बाकी पैसा यानी की Total Savings माइनस आपकी Age। अगर आपकी Age है 25 Yrs तो 100-25=75% पैसा हमें इन्वेस्टमेंट करना चाहिए इक्विटी क्लास में।

Safe Asset Class

Safe Asset Class के अंदर निवेश करने के लिए तीन गोल रहने चाहिए। पहला है Create emergency fund, दूसरा है Retirement plan,और तीसरा है Safe through Fd’s & Savings A/C. एक एक करके तीनों को समझते है।

Emergency Fund
Emergency Fund

Corona Lockdown के बाद आज सबको पता है की Emergency Fund की इम्पॉर्टेंस कितना है। इन फ्यूचर Corona lockdown जैसी अगर कोई बड़ी फाइनेंशियल विप्पति या फिर फाइनेंशियल क्राइसिस आता है, तो आपके पास आपका घर चलाने के लिए, अगर आपका बिजनेस है, तो बिजनेस चलाने के लिए Suffiacent Fund अलग से Save करके रखना जरुरी है। 

हमें कितना पैसा Save करना है। सबसे पहले तो आपकी जो डेली नेसेसरी कॉस्ट है उसे कैलकुलेट करके एक मंथ के मिनिमम खर्चे निकालना है। जितना भी खर्चा निकलकर आएगा उसे हमें 6 month से Multiply करना है। जो निकलकर आएगा उतना पैसा हमें Emergency Fund में अलग से सेव करके रखना होगा। हो सके तो अलग से एक बैंक के अंदर सेविंग्स अकाउंट ओपन करके उसे अकाउंट के अंदर इमरजेंसी फंड को सेव करके रखिए और इस पैसे के बारे में बिल्कुल भूल जाइए। 

हमें फाइनेंशियल डिसिप्लिन मेंटेन करना है, कोई भी आलतू फालतू कारण की वजह से Emergency Fund के अंदर हाथ नहीं लगाना है। अगर कोई भी फाइनेंशियल क्राइसिस आता है, जैसे की जॉब लॉस्ट, धंधे में मंदी जैसा कोई भी फाइनेंशियल क्राइसिस जब फेस कर ते है, केवल उसी हालत में हमें इमरजेंसी फंड को यूज करना है। बाकि सेव् करने के बाद हमें इस फंड के बारे में बिल्कुल भूल जाना है, कि ऐसा कोई फंड आपके अकाउंट में है।

6 month की इमरजेंसी फंड कंप्लीट होने के बाद फिर से हम कोई भी पैसा इमरजेंसी फंड के अंदर नहीं डालेंगे। हम यहां क्या करेंगे Safe Asset Class के अंदर निवेश करने के लिए टोटल जितना पैसा है उसे हम दो पार्ट में डिवाइड करेंगे। 60% और 40%

Retirement plan

Emergency Fund का कोटा कंप्लीट होने के बाद Safe Asset क्लास के 60% पैसे हमें Retirement के लिए सेव करना है। रिटायरमेंट प्लान के लिए नेशनल पेंशन स्कीम या फिर एनपीएस के थ्रू सेव करना सबके लिए एक अच्छा चॉइस है। उसके अलावा अगर आपकी Age 30 yrs से कम है, तो थोड़ा रिस्क लेने के लिए भी रेडी है,तो अब आप म्यूचुअल फंड की रिटायरमेंट प्लान के अंदर भी अब निवेश कर सकते हो।

Safe through Fd’s & Savings A/C

रिटायरमेंट के लिए हमने 60% पैसे सेव् किया और बाकी जो 40% पैसा है उसे हम बैंक एफडी और सेविंग एकाउंट के अंदर सेव करेंगे।

तो अब हम फोकस करेंगे इन्वेस्टमेंट के ऊपर। केवल इन्वेस्टमेंट एक पावरफुल जरिया है Wealth Create करने का।

Investment

जैसे कि पहले भी हमने डिसकस किया Investment एक पावरफुल जरिया है Inome generate करने का। तो अगर आप Begginer है, और आपके पास उतना ज्यादा अच्छा आइडिया नहीं है Investment के बारे में फिर भी आप इन्वेस्टमेंट कर पाएंगे। Mutual Fund की मदद से हम सेफ इन्वेस्ट कर सकते है। एक अच्छा म्यूचुअल फंड से हम 15 पर्सेंट Annual Return की उम्मीद रख सकते। म्यूचुअल फंड के साथ ही साथ Experiance होने के बाद Share market में भी निवेश कर सकते है।

share market

लॉन्ग टाइम में शेयर मार्केट ने सबसे ज्यादा रिटर्न जेनरेट करके दिया है। जैसे कि Reliance की शेयर ने लास्ट एक साल में 37.22% रिटर्न दिया है। TCS ने 48.66%, HDFC Bank 21.42% और Infosys ने 68.59%और Tata motors ने 98.90% रिटर्न दिया।

Share market में निवेश करने से पहले हमें सही से Analysis करना है की कंपनी कितना प्रॉफिटेबल है,कंपनी की मैनेजमेंट कितनी स्ट्रॉन्ग है, क्या कंपनी के पास कोई competitive Advantage है।

ये सब चेक करने के बाद सही से Fundamental Analysis करने के बाद ही हमें Share market में निवेश करना है।साथ साथ हिस्ट्री गवाह है, जब Share market गिरा है तब Gold की Price में तेजी देखने को मिला है। और जब Gold की प्राइस गिरा है उस पर हमें Share market के अंदर तेजी देखने को मिला है। इसिलए स्टेबल प्लैटफॉर्म मेंटेन करने के लिए,स्टेबल पोर्टफोलियो मेंटेन करने के लिए,रिस्क कम करने के लिए हमें हमेशा शेयर मार्केट के साथ ही साथ गोल्ड के अंदर भी निवेश करना है।

Physical Gold में निवेश नहीं करना

गोल्ड में निवेश करने के लिए Physical Gold में निवेश नहीं करना। क्योंकि इसमें Making Cost, Safety Issue, Priority Issue, Not sell easily जैसे कई Issue है, तो आपको Physical Gold में निवेश नहीं करना।

Government Sovereign Gold Bond

अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हो तो आपके लिए बेस्ट है, Government Sovereign Gold Bond ! इनमें हमें एक नहीं दो बेनिफिट मिलता है। Gold के भाव जिस हिसाब से Increase होगा उसी हिसाब से आपकी Investment की वैल्यू तो Increase होगा ही साथ ही साथ ज्यादा इनवेस्टमेंट के ऊपर आपको अलग से 2.5% रिटर्न भी मिलेगा। 

एकदम Beginner के लिए म्यूचुअल फंड अच्छा है, थोड़ा Experience होने के बाद शेयर मार्केट में निवेश कीजिए और इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो की risk reduce करने के लिए और risk maintain करने के लिए शेयर मार्किट के साथ ही साथ आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो का 3% पैसा गोल्ड के अंदर भी निवेश कीजिए। 

Want

अब हम Discuss करेंगे Want या फिर Entertainment के बारे में। Essential के अलावा अगर आप दूसरी किसी जगह खर्च करते हो तो वो आएगा Want या फिर Entertainment में। जैसे कि महंगा ड्रेस, A.C, फ्रिज, टीवी, महंगा मोबाइल, महंगा होटेल में डिनर या लंच, मैरिज, पार्टी ये सब आता है Want Section के अंदर।

हमें याद रखना है जो Essential नहीं है, ऐसे Want या फिर Entertainment के लिए मंथली इनकम के 20% से ज्यादा पैसा कभी भी खर्च नहीं करना है। अगर आपको बड़ा कुछ खरीदना है तो धीरे धीरे करके दो तीन चार महीने में पैसा इकट्ठा कीजिए। उसके बाद ही उस चीज को खरीदिये।

हमें याद रखना है, हमें इस फाइनेंशियल डिसिप्लिन को मेनटेन करना है। कभी भी किसी भी हालत में मंथली इनकम के 20% से ज्यादा पैसा Want के लिए हम खर्च नहीं करेंगे। 20% मैक्सिमम लिमिट है। सेलेरी इंक्रीज होने के साथ ही साथ इस लिमिट को Decrease करना है। आपको कोशिश करनी है लिमिटेड खर्चे करने की।

Conclusion

इतना कुछ Discuss करने के बाद मुझे लगता है आपका फाइनैंशल प्लानिंग क्लियर हो चुका है। इस आर्टिकल में हमने देखा की कैसे हम 50-20-30 के इस फार्मूला से अपना फाइनेंसियल प्लानिंग कर सकते है । और इस प्लानिंग से हम कैसे Wealth Create कर सकते है। तो अगर आप भी Wealth Create करना चाहते हो तो, ये एलिजाबेथ वॉरेन की बुक में दिया गया फार्मूला जो की मेने मेरे हिसाब से मॉडिफाई किया है उस हिसाब से प्लानिंग करके आप भी Wealth Create कर सकते हो। और अपने आपको और आपकी फॅमिली को Financially freedom दे सकते हो।

अगर मेरा ये आर्टिकल आपको पसंद आया और आपको लगता है की इस आर्टिकल से अपने आपको Financially safe कर सकते हो तो ये आर्टिकल अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ शेयर करें और उन्हें भी इस प्लानिंग के बारे में बताये। जिससे की वो भी अपनी Financial Planning कर सके और अपने आपको और फॅमिली को Financially safe कर सके।

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