12 Shocking Psychological Facts In Hindi

दोस्तो, हर साल दुनिया भर में हजारों साइंटिफिक रिसर्च पेपर्स पब्लिश किए जाते हैं। जिसमें Psychological रिसर्च का भी बहुत बड़ा हिस्सा होता है। पर देखा जाए तो साइकॉलजिकल रिसर्च और स्टडीज को रीड करना एक नॉर्मल इनसान के लिए जितना मुश्किल होता है उन बातों को रीयल लाइफ में अप्लाय करना उतना ही आसान भी है। इसीलिए आज का आर्टिकल में हम आपके साथ ऐसे साइकोलॉजिकल फैक्ट्स को शेयर करेंगे जिन्हें जानने के बाद आप पहले जैसे नहीं रहोगे।

Music Changes Perception

हम सभी जानते हैं कि म्यूजिक हमारे मूड को चेंज करने का पावर रखता है। एक हाइली एनर्जेटिक सॉन्ग सुन कर आप मोटिवेटेड फील करोगे और वही एक सैड सॉन्ग आपको सैड और डिप्रेस्ड फील करा सकता है। आप किस टाइप का म्यूजिक सुनना पसंद करते हों ये एक्चुअल में अफेक्ट करता है कि आप इस दुनिया को किस नजर से देखते हों।

2011 की एक स्टडी में लोगों को एक टास्क दिया गया। जहां उन्हें डिफरेंट म्यूजिक सुनते हुए एक पेपर पर हैपी और सैड फेस को टिक करना था। रिजल्ट यह देखा गया कि सैड म्यूजिक सुनते हुए ज्यादातर लोग सैड फेस को टिक कर रहे थे। वहीं हैपी म्यूजिक सुनते टाइम लोग हैप्पी फेसेज को चूज कर रहे थे। जिसे Perceptual Expectation का नाम दिया गया। जहां आप अपने कानो से कुछ सुनते हो तो आपका ब्रेन आपकी आखों से सिमिलर चीजें देखने लगता है। इसीलिए एनर्जेटिक म्यूजिक वर्कआउट करते टाइम बहुत हेल्प करता है और सॉफ्ट म्यूजिक आपको फोकस करने में हेल्प करता है।

DUNNIG-KRUGER EFFECT

1999 में दो सोशल साइकोलॉजिस्ट ने ये डिस्कवर करा की इंटेलिजेंट लोग हमेशा अपने आपको एक बिलो एवरेज पर्सन की तरह ट्रीट करते हैं। वह कभी भी खुद को बाकियों से ज्यादा स्मार्ट नहीं मानते। वहीं दूसरी तरफ एवरेज IQ वाले लोग इसका बिल्कुल अपोजिट करते हैं। उन्हें हमेशा ये लगता है कि वो बाकियों से ज्यादा बैटर हैं।

इसीलिए अगर आप ऐसे लोगों से मिलें जो हर बात में खुद को सुपीरियर शो करते हैं, जो ये दिखाते हैं कि वो कितने ज्यादा स्मार्ट हैं। तो समझ जाएं कि ये बस एक DUNNIG-KRUGER EFFECT असर है। वो असल में इतने इंटेलिजेंट नहीं हैं जितना वो दिखा रहे हैं।

क्योंकि एक हाइली इंटेलिजेंट पर्सन कभी भी अपनी नॉलेज से Satisfied नहीं होता। वो हमेशा खुद की एबिलिटी पर डाउट करता है क्योंकि उन्हें लगता है कि वो और बेहतर हो सकता है। For Example आपने अक्सर ये तो देखा होगा, जो दोस्त ये कहता है कि उसने एग्जाम के लिए कुछ नहीं पढ़ा वो बिल्कुल प्रिपेयर होकर नहीं आया होता। मोस्टली केसेज में उसी फ्रेंड के अच्छे मार्क्स आते हैं। जबकि उसने बोला था कि मेरा एग्जाम अच्छा नहीं रहा, मैं और अच्छा कर सकता था। क्योंकि मानो या ना मानो उस सच में थोड़ा ज्यादा इंटेलिजेंट पर्सन है।

Singing Reduces Anxiety

Imagine करिए, आप अपनी कार ड्राइव करते हुए अपने काम पर जा रहे हैं, जहां आपको एक इम्पॉर्टेंट प्रेजेंटेशन डिलिवर करनी है। सो नैचरली आप Nervous और Anxious फील करोगे। तो ऐसे मोमेंट में आप अपने आप को शांत कैसे रखोगे।

तो साइकॉलजी ये कहती हैं कि अगर आप ऐसे टाइम पर अपना फेवरेट सॉन्ग प्ले करके खुद भी सिंगिंग करने लग जाएं। अब आपको ये सुनने में अजीब लग रहा होगा, पर सिंगिंग करने से आपके ब्रेन में Endorphins और Oxytocin रिलीज होने लगता है। जो अल्टीमेंटली आपके स्ट्रेस लेवल को बहुत तेजी से कम कर देता है और आपके मूड को अच्छा कर देता है। इसके अलावा यह आपके Heart Rate और Cortisol लेवल को लॉ कर देता है। जिससे आप शांत और कॉन्फिडेंट फील करने लगते हैं।

Power Of Silence

अगर आप चाहते हैं कि बात आगे बढती रहें पर आपको समझ नहीं आ रहा कि क्या बात करें, तो इसका सबसे सिंपल तरीका है। अपने पार्टनर से कोई भी एक प्रश्न पूछ लो और जब वो जवाब दे दें उसके बाद भी आई कॉन्टैक्ट मेंटेन रखो। आपका पार्टनर साइलेंट को अवाइड करने के लिए कुछ ना कुछ बात करने लगेगा।

स्टडीज में देखा गया है, जब कोई पर्सन आपके सामने ओपन होने में स्ट्रगल करता है या अपनी फीलिंग्स को हाइड करता है इस टाइम पर इंफॉर्मेशन निकलवाने के लिए बस एक प्रश्न पूछे और कुछ देर साइलेंट हो जाओ। क्योंकि किसी भी बात के बीच साइलेंस अच्छा नहीं लगता। जिसे अवॉइड करने के लिए वह इन्फॉर्मेशन शेयर करने लगता है या आप से cross question पूछने लगता है, जो कन्वर्सेशन को मेनटेन रखता है।

Playing Dumb

अगर आप किसी के सामने अपना गुड इम्प्रेशन बनाना चाहते हो तो किसी ऐसे टॉपिक के बारे में बात करो जो उन्हें बहुत पसंद है और उसके बारे में उनसे सीखो। For Example, आप किसी से मिले जिसे कार्स में बहुत इंटरेस्ट है। अब हो सकता है कि आप को भी कार्स के बारे में बहोत नॉलेज हो, पर उनके सामने ऐसे बर्ताव करो जैसे आपको उनसे कम नॉलेज है और उनसे क्वेश्चंस पूछो। तो सामने वाले पर्सन को कॉन्फिडेंट और स्मार्ट फील कराएगा और वो आपसे बात करने में और इंटेररेस्ट शो करेंगे।

क्योंकि वो जिस बारे में बात करना चाहते हैं आप उसमें अपना इंट्रेस्ट शो करते हैं। जो आपको एक Likable Person बनाता है । वैसे भी दलाई लामा का कहना है कि “जब आप बात करते हैं तो आप केवल वही दोहरा रहे होते हैं जो आप पहले से जानते हैं, लेकिन अगर आप सुनते हैं तो आप कुछ नया सीख सकते हैं”।

The Snack Man

अगर आप किसी ग्रुप में हैं या किसी एक पर्सन के साथ भी हैं जहां आप डिनर या लंच पर मिलने आए हों। वहा आपको लगता है कि कोई कॉन्फ्लिक्ट क्रिएट होने वाला है। आप लोगो की बात से लगता है आप लोगो की लड़ाई हो सकती है। तो इस सिचुएशन को अवाइड करने के लिए अपने सामने रखा खाना खाने लग जाओ।

क्योंकि, साइकॉलजिस्ट के हिसाब से खाना एक Calming Activity है। जब लोग कुछ खा रहे होते हैं, तो बाकी लोग उस एनवायरमेंट में कंफर्टेबल फील करते हैं। पर जब भी आपको लगे कि कोई बहुत ही अग्रेसिव हो रहा है या आप लोगों की बहस होने वाली है तो उस पर्सन के पास जाकर बैठ जाओ और उन्हें कुछ खाने का ऑफर करो। ऐसे टाइम पर एक सिंपल चॉकलेट भी आपकी रिलेशनशिप को बहुत हेल्प कर सकती है।

Forming A Habit

आपने कभी सोचा है कि एक हैबिट को फॉर्म करने में कितना टाइम लगता है। पहले यह माना जाता था कि किसी भी हैबिट को फॉम या ब्रेक करने में सिर्फ 21 दिन का ही टाइम लगता है। और एक न्यू साइकोलॉजिकल रिसर्च के अकॉर्डिंग किसी भी हैबिट को बिल्ड करने के लिए अराउंड 66 दिन लगते हैं।

इसीलिए जो लोग ये सोचकर कोई भी न्यू हैबिट बिल्ड करना स्टार्ट करते हैं की 21 दिन के बाद उन्हें आदत पड़ जाएगी और जब वो 21 दिन में फेल हो जाते हैं तो उन्हें बहुत बुरा लगता है और वह क्विट कर देते हैं। रिसर्च के अकॉर्डिंग अगर आप 66 दिन को तीन तबक्के में बांट दें। जैसे के शुरू के 22 दिन आपको बहुत अनकंफर्टेबल फील होंगा। उसके बाद के 22 दिन आपसे बिल्कुल हैंडल नहीं होंगे। आप ऑलमोस्ट गुड कर देंगे और 22 दिन के बाद आप एक मोमेंटम बिल्ड कर देंगे। जिसके बाद वो हैबिट आपके माइंड और बॉडी से कनेक्ट हो जाएगी, आपके रुटीन में आ जाएगी और आप सक्सेस फुली हैबिट बिल्ड लेंगे।

Call People By Their Name

साइकॉलजिस्ट कहते हैं कि हर पर्सन को अपना नाम सुनना सबसे फेवरेट लगता है। क्योंकि हम सभी के लिए अपना नाम बहुत इम्पॉर्टेंट होता है। तो जब कोई आपके नाम को याद रखता है तो आप भी अपनी इम्पॉर्टेंस फील करते है। आप ने भी नोटिस किया होगा कि जब कोई आपका नाम भूल जाता है तो आप इंसलेटेड भी फील करते हों।

इसीलिए किसी के सामने अपना पर्फोमेंसे अच्छा बनाने के लिए इम्पॉर्टेंट है कि आप सामने वाले के नाम को यूज करते रहें। जो उन्हें इम्पॉर्टेंस फील कराता रहेगा और वो आपके साथ और कंफर्टेबल फील करने लगेंगे।

Multitasking

क्या आपको लगता है कि आप मल्टी टास्किंग कर सकते हो। न्यूरोसाइंस के अकॉर्डिंग हमारा ब्रेन एक टाइम पर सिर्फ एक ही चीज पर फोकस कर सकता है। कई बार जब आप दो काम एक साथ कर रहे होते हो तो आपको ऐसा लगता होगा कि आप मल्टीटास्किंग कर रहे हों पर रियल में आपका ब्रेन बहुत ही तेजी से उन दोनों कामों के बीच अपना फोकस शिफ्ट कर रहा होता है।

हम चलते चलते एक दूसरे से बात करते हैं क्योंकि ये बिहेवियर ऑटोमैटिक और ऑटो पायलट मोड से होते हैं। वहीं ऐसे टास्क जिनमें बहुत फोकस करने की जरूरत होती है वहां वो अच्छी तरीके से काम नहीं कर सकता। For Example, बुक रीड करते हुए टीवी देखना ल। अभी आपको यहा पे लगेगा कि आप दोनों काम एक साथ कर रहे हों पर रियल में एक टाइम पर आपका फोकस या तो रीडिंग करने पर है या टीवी देखने पर।

Provide a choice

अगर आप चाहते हैं कि सामने वाला पर्सन एक डिसिजन ले जो आपके फेवर में हो। तो Simply उन्हें ऑप्शनस दो, जो आपके डिसीजन के फेवर में हो। For Example, अगर कोई अपने बच्चे को पढ़ाई करने के लिए बोलना चाहता है, तो simply उसे ये बोलने के बजाय के जाओ पढ़ो, उन्हें चॉइस दो कि चलो पढ़ाई का टाइम हो गया है पहले इंग्लिश पढ़ोगे या मैथ्स। तो जब वो कोई भी चॉइस लेंगे तो उन्हें लगेगा कि वो खुद ये डिसीजन ले रहे हैं। वो अपने कंट्रोल में हैं।

अब ये ट्रिक आप किसी के भी साथ यूज कर सकते हो। जैसे आपने नोटिस किया होगा कि हर रेस्टोरेंट में वेटर्स इसी ट्रिक का यूज करते हैं। वो आपको वो सारे ऑप्शन देते हैं जो वो चाहते हैं कि आप आर्डर करो और आप इन डायरेक्टली वही करते हों पर आपको ऐसा लगता है कि वो डिसिजन आपने लिया लेकिन रियालिटी में वो डिसीजन आपके वेईटर ने पहले ही ले लिया था। यानि कि वो ट्राय करते हैं कि आप कुछ चुनिंदा चीजों में से ही कुछ एक चीज ऑर्डर कर दें जिसे रेडी करने में रेस्टोरेंट को ज्यादा टाइम ना लगे।

The Power Of Sunlight

दोस्तों, आप ने भी नोटिस किया होगा कि पूरा दिन अपने घर या ऑफिस में बिताने के बाद जब आप बाहर निकलते हैं तो आपका मूड अच्छा हो जाता है। क्योंकि सनलाइट के बेनेफिट्स सिर्फ मेडिकल फील्ड में नहीं हैं। बल्कि कई रिसर्च में देखा गया है कि सनलाइट कई मूड डिसऑर्डर जैसे डिप्रेशन को भी दूर करता है।

सनलाइट से मिलने वाला विटामिन डी मूड स्टेबलाइजर की तरह काम करता है और हमारे ब्रेन में प्लेजरेबल हार्मोन्स को रिलीज करता है। और ये देखा गया है कि जिन कंट्रीज में सनलाइट की रीच कम होती है वहां के लोगों में डिप्रेशन की ज्यादा संख्या देखी जाती हैं। तो आपको बस दिन में 10 मिनट डायरेक्ट सनलाइट लेनी है जो।आपकी लाइफ को चेंज कर देगा, और ये मॉर्निंग सनलाइट होगी तो और भी अच्छा होगा।

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Mirror Body Language

अगर आप किसी से बात करते टाइम उनकी बॉडी लैंग्वेज या उनका कुछ भी कॉपी करने लग जाएं तो वो आपके साथ instant trust form कर लेंगे। वो जैसे बात करते हैं, जैसे मूव करते हैं अगर आप भी उनके कुछ एक्सप्रेशंस को मिरर करने लगें तो वो आपको और पसंद करने लगेंगे। क्योंकि वो आपसे और भी ज्यादा Comfortable feel करेंगे। साइकोलॉजिस्ट इसे Chameleon Effect कहते हैं।

For Example, किसी से बात करते टाइम ये नोटिस करो कि वो कौन से वर्ड सबसे ज्यादा यूज करते हैं और आप भी बात करते टाइम उन वर्ड्स का यूज करने लग जाएं। इससे वो खुद को आप से आइडेंटिफाई कर पाएंगे। उन्हें लगेगा कि आप भी उन्हीं के जैसे हों और वो आपकी कंपनी को इंजॉय करने लगेंगे।

तो दोस्तों, अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो आपके दोस्तों और परिवारजनों को जरूर शेयर करना।

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